Friday, April 22, 2016

महान दार्शनिक अरस्तु के २० अनमोल कथन जो आपकी परख को बढ़ा देंगे !!


"विषमता का सबसे बुरा रूप है विषम चीजों को एक सामान बनाना।" ~ अरस्तु 
The worst form of inequality is to try to make unequal things equal.
~ Aristotle

"क्षिक्षा की जड़ें तो कड़वी हैं लेकिन फल मीठा होता है।" ~ अरस्तु 
"The roots of education are bitter, but the fruit is sweet."

"बिना साहस के आप इस दुनिया में कुछ भी नहीं करेंगे, प्रतिष्ठा के बाद साहस ही दिमाग की महानतम विशेषता है।"~ अरस्तु 
"You will never do anything in this world without courage. It is the greatest quality of the mind next to honor."
~ Aristotle

"मैं उस व्यक्ति को ज्यादा शूरवीर मानता हूँ जो अपने दुश्मनों पर नहीं बल्कि अपनी इच्छाओं पर विजय प्राप्त कर लेता है; क्यूंकि स्वयं पर विजय ही सबसे कठिन विजय होती है।"~ अरस्तु 
"I count him braver who overcomes his desires than him who conquers his enemies; for the hardest victory is over self."

"आदर्श व्यक्ति वही हैं जो परिस्थितियों का सर्वश्रेष्ठ उपयोग कर जीवन की दुर्घटनाओं को मर्यादा और ईश्वर की कृपा समझ कर स्वीकार कर लेता है।"~ अरस्तु 
The ideal man bears the accidents of life with dignity and grace, making the best of circumstances.
~ Aristotle

"मनुष्य के सभी कार्य इन सात कारणों में से किसी एक या अधिक वजहों से प्रेरित होते हैं: मौका, स्वभाव, मजबूरी या आवश्यकता, आदत, वजह, जुनून तथा प्रबल इच्छा।" ~ अरस्तु 
"All human actions have one or more of these seven causes: chance, nature, compulsions, habit, reason, passion, desire."
~ Aristotle


"उत्कृष्टता वो कला है जो प्रशिक्षण और आदत से जीती जाती है। हम इस लिए सही कार्य नहीं करते कि हमारे अन्दर अच्छाईयाँ या उत्कृष्टता है, बल्कि इसलिए क्योंकि हमने सही कर्म किये हैं। हम वही हैं जो हम बार बार करते हैं, इसलिए उत्कृष्टता कोई कर्म नहीं बल्कि एक आदत है।" ~ अरस्तु 
"Excellence is an art won by training and habituation. We do not act rightly because we have virtue or excellence, but we rather have those because we have acted rightly. We are what we repeatedly do. Excellence, then, is not an act but a habit."

"स्वयं का ज्ञान ही हर बुद्धिमानी/ज्ञान की शुरुआत है।" ~ अरस्तु 
“Knowing yourself is the beginning of all wisdom.” 
~ Aristotle

"प्रसन्नता स्वयं के ऊपर निर्भर होती है।"~ अरस्तु 
“Happiness depends upon ourselves.” 
~ Aristotle

"प्रसन्नता ही जीवन का अर्थ और मकसद होता है, जीवन का सम्पूर्ण लक्ष्य और मानव अस्तित्व।"~ अरस्तु 
“Happiness is the meaning and the purpose of life, the whole aim and end of human existence.” 
~ Aristotle

"कोई भी क्रोधित हो सकता है - यह आसान है, लेकिन सही व्यक्ति से सही सीमा में सही समय पर और सही उद्देश्य के साथ सही तरीके से क्रोधित होना सभी के बस कि बात नहीं है और यह आसान नहीं है।" ~ अरस्तु 
“Anybody can become angry — that is easy, but to be angry with the right person and to the right degree and at the right time and for the right purpose, and in the right way — that is not within everybody's power and is not easy.” 
~ Aristotle

"जो व्यक्ति सबका मित्र है वो किसी का भी मित्र नहीं है।"~ अरस्तु 
“A friend to all is a friend to none.” 
~ Aristotle

"धैर्य कड़वा होता है लेकिन इसका फल मीठा होता है।"~ अरस्तु 
“Patience is bitter, but its fruit is sweet.” 
~ Aristotle

"शिक्षित और अशिक्षित में उतना ही अंतर होता है जितना की जीवित और मृत में होता है।"~ अरस्तु 
“The educated differ from the uneducated as much as the living differ from the dead.” 
~ Aristotle

"जिसने अपने भय पर विजय प्राप्त कर ली है वो स्वतन्त्र हो जायेगा।"~ अरस्तु 
“He who has overcome his fears will truly be free.” 
~ Aristotle

"जो जानते हैं वो करते। जो समझते हैं वो पठाते हैं।"~ अरस्तु 
“Those who know, do. Those that understand, teach.” 
~ Aristotle

"जो व्यक्ति एकांत में प्रसन्न है वो या तो जंगली जानवर है या फिर भगवान।"~ अरस्तु 
“Whosoever is delighted in solitude, is either a wild beast or a god.” 
~ Aristotle

"५० दुश्मनों की दवा है एक मित्र।"~ अरस्तु 
“The antidote for fifty enemies is one friend.” 
~ Aristotle

"गरीबी क्रांति और अपराध की जनक है।"~ अरस्तु 
“Poverty is the parent of revolution and crime.” 
~ Aristotle

"नौकरी या काम-काज में आनंद, काम में उत्कृष्ठता लाती है।"~ अरस्तु 
“Pleasure in the job puts perfection in the work.” 
~ Aristotle

"सीखना बच्चों का खेल नहीं है; बिना दर्द के हम सीख नहीं सकते।"~ अरस्तु 
“Learning is not child's play; we cannot learn without pain.” 
~ Aristotle

महान दार्शनिक सुकरात के २० कथन जो आपकी आँखें खोल देंगी !!


"आप कुछ नहीं जानते इस बात का ज्ञान ही केवल सत्य ज्ञान है।"
"The only true wisdom is in knowing you know nothing." 
— Socrates

"वैसा जीवन जिसमे परीक्षाएँ न ली गयी हों, जीने योग्य नहीं है।"
"The un-examined life is not worth living." 
— Socrates

"दुनिया में केवल एक ही चीज अच्छी है, ज्ञान, और केवल एक ही चीज बुरी है वो है अज्ञान।"
"There is only one good, knowledge, and one evil, ignorance." 
— Socrates

"मैं किसी को कुछ भी नहीं पढ़ा सकता मैं केवल उन्हें सोचने पर मजबूर कर सकता हूँ।"
"I cannot teach anybody anything. I can only make them think" 
— Socrates

"आश्चर्य ही बुद्धिमानी की शुरुआत है।"
"Wonder is the beginning of wisdom." 
— Socrates

"हर एक व्यक्ति के प्रति दयालु बने क्यूंकि हर व्यक्ति एक कठिन लड़ाई लड़ रहा है।"
"Be kind, for everyone you meet is fighting a hard battle." 
— Socrates

"अपने आपको जानने के लिए अपने बारे में सोचें।"
"To find yourself, think for yourself." 
— Socrates

"सुदृढ़ मानसिकता वाले लोग सिद्धातों अथवा उद्देश्यों की चर्चा करते हैं, सामान्य मानसिकता वाले लोग घटनाओं की चर्चा करते हैं तथा कमजोर मानसिकता वाले लोग लोगों की चर्चा करते हैं।"
"Strong minds discuss ideas, average minds discuss events, weak minds discuss people." 
— Socrates

"मित्रता करने में धीमे रहें लेकिन एक बार जब मित्रता हो जाये तो दृढ और सतत बने रहें।"
"Be slow to fall into friendship, but when you are in, continue firm and constant." 
— Socrates

"किसी भी तरह के तरीकों को अपना कर विवाह करें; अगर आपको अच्छी पत्नी मिलती है तो आप खुश हो जायेंगे और अगर आपको बुरी पत्नी मिलती है तो आप दार्शनिक हो जायेंगे।"
"By all means marry; if you get a good wife, you’ll become happy; if you get a bad one, you’ll become a philosopher." 
— Socrates


"शिक्षा अग्नि को प्रज्वलित करने जैसा है, बर्तन भरने जैसा नहीं।"
"Education is the kindling of a flame, not the filling of a vessel." 
— Socrates

"जो व्यक्ति अपने पास होने वाली चीजों से संतुष्ट नहीं है, वह उसे भविष्य में मिलने वाली चीजों से भी संतुष्ट नहीं होगा।"
"He who is not contented with what he has, would not be contented with what he would like to have." 
— Socrates

"आपका दिमाग ही आपका उपदेशक है, यह हमेशा परिवर्तन से मुक्त रहना  चाहता है, दर्द से मुक्त, जीवन और मृत्यु के झंझटों से मुक्त, लेकन  परिवर्तन ही संसार का नियम है और कोई भी मान्यता इस सच्चाई को बदल नहीं सकती।"
"Your mind is your predicament. It wants to be free of change. Free of pain, free of the obligations of life and death. But change is law and no amount of pretending will alter that reality." 
— Socrates

"कभी कभी आप दीवारें दूसरों को दूर रखने के लिए खड़ी नहीं करते बल्कि इसलिए खड़ी करते हैं  की आप ये देखना चाहते हैं की इन्हे कौन तोड़ने की कोशिश करता है।"
"Sometimes you put walls up not to keep people out, but to see who cares enough to break them down." 
— Socrates

"ज्ञान ही अच्छाई है और अज्ञान बुराई।"
"The only good is knowledge and the only evil is ignorance." 
— Socrates

"संतोष ही प्राकृतिक धन है और भोग - विलास कृत्रिम गरीबी।" 
"Contentment is natural wealth, luxury is artificial poverty." 
— Socrates (Essential Thinkers - Socrates)

"परिवर्तन का रहस्य ये है की आप पुरानी चीजों से लड़ना छोड़कर नयी चीजों के निर्माण में पूरी तरह अपनी ऊर्जा पर ध्यान केंद्रित करें।"
"The secret of change is to focus all of your energy, not on fighting the old, but on building the new." 
— Socrates

"ज्ञान को धन से ज्यादा महत्वपूर्ण समझें क्यूंकि ज्ञान शाश्वत हैं और धन क्षणभंगुर।"
"Prefer knowledge to wealth, for the one is transitory, the other perpetual." 
— Socrates

"प्रश्न को अच्छे से समझ लेना ही आधा उत्तर हैं।"
"understanding a question is half an answer" 
— Socrates (Essential Thinkers - Socrates)

"अगर आप अच्छे धुड़सवार बनना चाहते हैं तो सबसे बेकाबू घोड़े को चुनें क्यूंकि अगर आप इसे काबू में कर लेते हैं तो आप हर घोड़े को काबू कर सकते हैं।"
"If you want to be a good saddler, saddle the worst horse; for if you can tame one, you can tame all." 
— Socrates


​क्रोध पर महापुरुषों के सर्वश्रेष्ठ 22 अनमोल विचार - Best 22 Quotes About Anger In Hindi

Top 22 Quotes About Anger In Hindi

"क्रोध से मूढ़ता उत्पन्न होती है, मूढ़ता से स्मृति भ्रांत हो जाती है, स्मृति भ्रांत हो जाने से बुद्धि का नाश हो जाता है और बुद्धि नष्ट होने पर प्राणी स्वयं नष्ट हो जाता है।" ~ भगवान कृष्ण
  1. "किसी विवाद में हम जैसे ही क्रोधित होते हैं हम सच का मार्ग छोड़ देते हैं, और अपने लिए प्रयास करने लगते हैं।" ~ गौतम बुद्ध
  2. "क्रोध को पाले रखना गर्म कोयले को किसी और पर फेंकने की नीयत से पकडे रहने के सामान है; इसमें आप ही जलते हैं।" ~  गौतम बुद्ध
  3. "तुम अपने क्रोध के लिए दंड नहीं पाओगे, तुम अपने क्रोध द्वारा दंड पाओगे।" ~ गौतम बुद्ध
  4. "क्रोध करने का मतलब है, दूसरों की गलतियों कि सजा स्वयं को देना; जब क्रोध आए तो उसके परिणाम पर विचार करो |" ~ कन्फ्यूशियस
  5. "जो मन की पीड़ा को स्पष्ट रूप में नहीं कह सकता, उसी को क्रोध अधिक आता है |" ~ रवीन्द्रनाथ ठाकुर
  6. "ईर्ष्या और क्रोध से जीवन क्षय होता है।" ~ बाइबल
  7. "क्रोध को जीतने में मौन सबसे अधिक सहायक है |" ~ महात्मा गांधी
  8. "मूर्ख मनुष्य क्रोध को जोर-शोर से प्रकट करता है, किंतु बुद्धिमान शांति से उसे वश में करता है |" ~ बाइबिल
  9. "क्रोध से धनि व्यक्ति घृणा और निर्धन तिरस्कार का पात्र होता है |" ~ कहावत
  10. "क्रोध मूर्खता से प्रारम्भ और पश्चाताप पर खत्म होता है |" ~ पाईथागोरस
  11. "क्रोध के सिंहासनासीन होने पर बुद्धि वहां से खिसक जाती है |" ~ एम. हेनरी
  12. "क्रोध मस्तिष्क के दीपक को बुझा देता है | अतः हमें सदैव शांत व स्थिरचित्त रहना चाहिए |" ~ इंगरसोल
  13. "क्रोध में हो तो बोलने से पहले दस तक गिनो, अगर ज़्यादा क्रोध में तो सौ तक।" ~ जेफरसन
  14. "क्रोध एक प्रकार का क्षणिक पागलपन है।" ~ महात्मा गाँधी
  15. "जो मनुष्य क्रोधी पर क्रोध नहीं करता और क्षमा करता है वह अपनी और क्रोध करनेवाले की महासंकट से रक्षा करता है।" ~ वेदव्यास
  16. "सुबह से शाम तक काम करके आदमी उतना नहीं थकता जितना क्रोध या चिंता से पल भर में थक जाता है।"~ जेम्स एलन
  17. "क्रोध मूर्खों के ह्रदय में ही बसता है।" ~ अल्बर्ट आइंस्टीन
  18. "क्रोध और असहिष्णुता सही समझ के दुश्मन हैं।" ~ महात्मा गाँधी
  19. "क्रोध को जीतने में मौन सबसे अधिक सहायक है।" ~ महात्मा गाँधी
  20. "कोई भी क्रोधित हो सकता है- यह आसान है, लेकिन सही व्यक्ति से सही सीमा में सही समय पर और सही उद्देश्य के साथ सही तरीके से क्रोधित होना सभी के बस कि बात नहीं है और यह आसान नहीं है।" ~ अरस्तु
  21. "क्रोध वह तेज़ाब है जो किसी भी चीज पर डाले जाने से ज्यादा उस पात्र को अधिक हानि  पहुंचा सकता है जिसमे वह रखा हुआ है।" ~ मार्क ट्वेन

भगवान् महावीर के सर्वश्रेष्ठ 15 अनमोल वचन - Top 15 Life Changing Quotes By Mahavira|

Sculpture of Mahavira Swami

"किसी आत्मा की सबसे बड़ी गलती अपने वास्तविक रूप को ना पहचानना है, और यह केवल स्वयं को जानकर ही ठीक की जा सकती है। " ― भगवान महावीर
"The greatest mistake of a soul is non-recognition of its real self and can only be corrected by recognizing itself."― Mahavira

"शांति और आत्म-नियंत्रण अहिंसा है।"― भगवान महावीर
Silence and Self-control is non-violence.― Mahavira

"भगवान् का अलग से कोई अस्तित्व नहीं है। हम सब सही दिशा में सर्वोच्च प्रयास कर के देवों जैसी शक्तियाँ प्राप्त कर सकता है।"― भगवान महावीर 
"There is no separate existence of God. Everybody can attain God-hood by making supreme efforts in the right direction."― Mahavira

"प्रत्येक आत्मा स्वयं में सर्वज्ञ और आनंदपूर्ण है, आनंद बाहर से नहीं आता। "― भगवान महावीर 
"Every soul is in itself absolutely omniscient and blissful. The bliss does not come from outside."― Mahavira

"जीवों के प्रति दया रखो, घृणा विनाश की ओर ले जाती है।"― भगवान महावीर
"Have compassion towards all living beings. Hatred leads destruction."― Mahavira

"सभी जीवों के प्रति सम्मान अहिंसा है।"― भगवान महावीर
"Respect for all living beings is non‑violence."― Mahavira

"सभी मनुष्य अपनी ही गलतियों की वजह से दुखी होते हैं, और वे खुद अपनी गलतियाँ सुधार कर प्रसन्न हो सकते हैं। "― भगवान महावीर
"All human beings are miserable due to their own faults, and they themselves can be happy by correcting these faults."― Mahavira

"स्वयं से लड़ो, बाहरी दुश्मनों से क्या लड़ना? जो स्वयं पर विजय प्राप्त कर लेंगे उन्हें आनंद की प्राप्ति होगी।"― भगवान महावीर
"Fight with yourself, why fight with external foes? He, who conquers himself through himself, will obtain happiness."― Mahavira

"आपकी आत्मा से परे कोई भी शत्रु नहीं है। असली शत्रु आपके भीतर रहते हैं, वो शत्रु हैं क्रोध, घमंड , लालच, आसक्ति और घृणा।" ― भगवान महावीर 
"There is no enemy out of your soul. The real enemies live inside yourself, they are anger, proud, greed, attachments and hate."― Mahavira

"स्वयं पर विजय प्राप्त करना लाखों शत्रुओं पर विजय पाने से बेहतर है। "― भगवान महावीर
"It is better to win over self than to win over a million enemies."― Mahavira

"आत्मा अकेले आती है अकेले चली जाती है, न ही कोई उसका साथ देता है और न ही कोई उसका मित्र बनता है।"― भगवान महावीर
"The soul comes alone and goes alone, no one companies it and no one becomes its mate."― Mahavira

"किसी भी जीव को नुकसान न पहुचाएं, गाली ना दें, अत्याचार न करें, उसे दास न बनायें, उसका अपमान ना करें, उसे सताएं अथवा प्रताड़ित न करें तथा उसकी हत्या ना करें।"― भगवान महावीर
“Do not injure, abuse, oppress, enslave, insult, torment, torture, or kill any creature or living being.” ― Mahavira

"जीव हत्या ना करें, किसी को ठेस न पहुचांयें! अहिंसा ही सबसे महान धर्म है।"― भगवान महावीर 
“Kill not, cause no pain. Nonviolence is the greatest religion.” ― Mahavira

"सुख में और दुःख में, आनंद में और कष्ट में, हमें हर जीव के प्रति वैसी ही भावना रखनी चाहिए जैसा की हम अपने प्रति रखते हैं।"― भगवान महावीर 
“In happiness and suffering, in joy and grief, we should regard all creatures as we regard our own self.” ― Mahavira

"एक व्यक्ति जलते हुए वन में एक ऊँचे वृक्ष पर बैठा है। वह सभी जीवित प्राणियों को मरते हुए और तबाह होते हुए  देखता है,  लेकिन वह यह नहीं समझ पाता है कि जल्द ही उसकी भी वही दशा होने वाली है;  मूर्ख है वह आदमी!"― भगवान महावीर
“A man is seated on top of a tree in the midst of a burning forest. He sees all living beings perish. But he doesn't realize that the same fate is soon to overtake him also. That man is fool.” ― Mahavira

विलियम शेक्सपीयर के सर्वश्रेष्ठ 33 अनमोल विचार | Best 33 William Shakespeare Quotes In Hindi.

विलियम शेक्सपीयर के अनमोल विचार(William Shakespeare Best Quotes In Hindi)


1. "मूर्ख हमेशा अपने आप को बुद्धिमान समझते हैं लेकिन बुद्धिमान लोग स्वयं को हमेशा मूर्ख ही समझते हैं।"- विलियम शेक्सपीयर 
“The fool doth think he is wise, but the wise man knows himself to be a fool.” 
―William Shakespeare, As You Like It

2. "प्रेम सबसे करें, विश्वास कुछ पर करें और किसी को भी नुकसान न पहुंचाएं।"-विलियम शेक्सपीयर
“Love all, trust a few, do wrong to none.” ―William Shakespeare, All's Well That Ends Well

3. "महानता से बिलकुल ना डरें ! कुछ लोग महान पैदा होते हैं, कुछ महानता हासिल करते हैं और कुछ लोगों में महानता समाहित होती है। "-विलियम शेक्सपीयर
“Be not afraid of greatness. Some are born great, some achieve greatness, and others have greatness thrust upon them.” ―William Shakespeare, Twelfth Night

4. "दोष हमारे गृह - नक्षत्रों में नहीं है प्रिय ब्रूटस, बल्कि हममे है।"-विलियम शेक्सपीयर
“The fault, dear Brutus, is not in our stars, but in ourselves.” ―William Shakespeare, Julius Caesar

5. " मैं तुम्हे बुद्धिमता की लड़ाई के लिए ललकारता लेकिन मैं देख रहा हूँ की तुम निहत्थे हो।" -विलियम शेक्सपीयर 
“I would challenge you to a battle of wits, but I see you are unarmed!” ―William Shakespeare

6. "हमारा भाग्य सितारों और ग्रहों के बस में नहीं है बल्कि हमारे बस में है।" -विलियम शेक्सपीयर
“It is not in the stars to hold our destiny but in ourselves.” ―William Shakespeare

7. "कुछ भी अच्छा या बुरा नहीं होता, हमारे विचार ही उन्हें अच्छा या बुरा बनाते हैं।" -विलियम शेक्सपीयर
“There is nothing either good or bad, but thinking makes it so.” ―William Shakespeare, Hamlet

8. "नरक रिक्त है और सारे राक्षस यहीं हैं।" - विलियम शेक्सपीयर
“Hell is empty and all the devils are here.” ―William Shakespeare, The Tempest

9. "हम जानते हैं की हम क्या हैं, लेकिन ये नहीं जानते की हम क्या बन सकते हैं।" -विलियम शेक्सपीयर
“We know what we are, but not what we may be.” ―William Shakespeare

10. "ये दुनिया एक रंगमंच है और सभी स्त्री और पुरुष केवल अदाकार; सबके प्रवेश और निकास का समय भी तय है; और एक व्यक्ति अपने समय अंतराल में अनेक किरदार निभाता है। ये किरदार ७ चरणों में निभाया जाता है।"  -विलियम शेक्सपीयर

“All the world's a stage, 
And all the men and women merely players; 
They have their exits and their entrances; 
And one man in his time plays many parts, 
His acts being seven ages.” ―William Shakespeare

11. "जब उसकी मृत्यु होगी, उसके शरीर को दुकड़ों में कर सितारों की तरह बिखेर देना ताकि वो स्वर्ग को ऐसे जगमगा सके की सारी दुनिया रात से प्रेम करने लगे और भड़कीले सूर्य की पूजा करना छोड़ दे।" -विलियम शेक्सपीयर 
“When he shall die,
Take him and cut him out in little stars,
And he will make the face of heaven so fine
That all the world will be in love with night
And pay no worship to the garish sun.” 
―William Shakespeare, Romeo and Juliet

12. "शब्द हवा की तरह ही आसानी से बहते हैं; वफादार मित्रों को पाना बेहद मुश्किल है।" -विलियम शेक्सपीयर
“Words are easy, like the wind; Faithful friends are hard to find.” ―William Shakespeare

13. "कायर मृत्यु से पहले कई बार मरते हैं;  शूरवीर सिर्फ एक बार!" -विलियम शेक्सपीयर
“Cowards die many times before their deaths; 
The valiant never taste of death but once."
―William Shakespeare, Julius Caesar

14. "मेरी सहायता या उपहार समुद्र की तरह ही अथाह तथा अनंत है, और मेरा प्रेम भी। मैं जितना भी तुम्हे समर्पित करूँगा उतना ही हम दोनों के लिए मुझे मिलता जायेगा। " -विलियम शेक्सपीयर
“My bounty is as boundless as the sea,
My love as deep; the more I give to thee,
The more I have, for both are infinite.” 
―William Shakespeare, Romeo and Juliet

15. "अगर तुम प्रेम करते हो और तुम्हे कष्ट मिलता है, तो और प्रेम करो।
अगर तुम और प्रेम करते हो और तुम्हे ज्यादा कष्ट मिलने लगता है तो और भी ज्यादा प्रेम करो।  
अगर तुम और भी ज्यादा  प्रेम करते हो और फिर भी तुम्हे कष्ट मिलता है तो तबतक प्रेम करते रहो जबतक की कष्ट मिलना बंद न हो जाये।" -विलियम शेक्सपीयर
“If you love and get hurt, love more.
If you love more and hurt more, love even more.
If you love even more and get hurt even more, love some more until it hurts no more...” 
―William Shakespeare

16. "वे लोग खुश हैं जो अपने ऊपर लगे कलंक को जानकर उसे हटाने में लग जाते हैं।" -विलियम शेक्सपीयर
“Happy are those who hear their detraction and can put them to mending.” 
―William Shakespeare

17. "दूसरों से मदद की उम्मीद ही हर बुराई जड़ है।" -विलियम शेक्सपीयर
“Expectation is the root of all evil.” ―William Shakespere

18. "अच्छाई की प्रचुरता बुराई में बदल जाती है। " -विलियम शेक्सपीयर
"An overflow of good converts to bad" ― William Shakespeare

19. "जब वो बहादुर था तब मैंने उसका सम्मान किया, पर जब वो महत्त्वाकांक्षी हो गया तो मैंने उसे मार दिया।"-विलियम शेक्सपीयर
"As he was valiant, I honor him. But as he was ambitious, I slew him." ― William Shakespeare

20. "एक मिनट की देरी से आने से बेहतर है तीन घंटे पहले आ जाना।" -विलियम शेक्सपीयर
"Better three hours too soon than a minute too late." ― William Shakespeare

21. "एक छोटी सी मोमबत्ती का प्रकाश कितनी दूर तक जाता है! इसी तरह इस बुरी दुनिया में एक अच्छाई कुछ समय तक प्रकाशित रह पाती है।" -विलियम शेक्सपीयर
"How far that little candle throws its beams! So shines a good deed in a naughty world." ―William Shakespeare

22. "गरीबी और संतुष्टि संपन्नता है, बहुत संपन्नता ." -विलियम शेक्सपीयर
"Poor and content is rich, and rich enough." ―William Shakespeare

23. "खाली बर्तन सबसे अधिक शोरगुल करते हैं." -विलियम शेक्सपीयर
"The empty vessel makes the loudest sound." ―William Shakespeare

24. "सुनहरा युग हमारे सामने है, ना कि पीछे." -विलियम शेक्सपीयर
"The golden age is before us, not behind us." ―William Shakespeare

25. "रोना दुःख की गहराई को कम कर देता है।" -विलियम शेक्सपीयर
“To weep is to make less the depth of grief.” ―William Shakespeare

26. "चन्द्रमा की कसम मत खाओ क्यूंकि हो हमेशा बदलता रहता है, क्यूंकि तुम्हारा प्रेम भी फिर बदल जायेगा" --विलियम शेक्सपीयर
“Do not swear by the moon, for she changes constantly. then your love would also change.” 
― William Shakespeare, Romeo and Juliet

27. "जिस तरह तुम अपने विचारों में महान रहे हो अपने कर्मों में भी महान बनो। " -विलियम शेक्सपीयर
“Be great in act, as you have been in thought. ” ― William Shakespeare

28. "जब दुःख आता है तो अकेले नहीं बल्कि झुंडों में आता है।" -विलियम शेक्सपीयर
“When sorrows come, they come not single spies. But in battalions!” ― William Shakespeare, Hamlet

29. "अंत भला तो सब भला" -विलियम शेक्सपीयर
“All's well if all ends well.” ― William Shakespeare

30. "ईर्ष्या से सावधान रहें क्यूंकि ये वो हरे आँखों वाला दैत्य है जो उसी शरीर का तिरस्कार करता है और धोखा देता है जिसपर वो पलता है।" -विलियम शेक्सपीयर
“Beware of jealousy; It is the green-ey'd monster, which doth mock The meat it feeds on.” ― William Shakespeare, Othello

31. "एक पुरानी कहावत है जो मुझपर भी लागू होती है: जो खेल आप खेल ही नहीं रहे हैं उसे आप हार नहीं सकते।" -विलियम शेक्सपीयर
“There's an old saying that applies to me: you can't lose a game if you don't play the game. (Act 1, scene 4)” ― William Shakespeare, Romeo and Juliet

32. "बुद्धिमानी से धीरे धीरे आगे बढ़ो। जो जल्दीबाजी में गलती गरते हैं वो गिर जाते हैं।" -विलियम शेक्सपीयर
“Go wisely and slowly. Those who rush stumble and fall.” ― William Shakespeare

33. "साधारण और विलक्षण होने की इच्छा जैसी सामान्य बात और कुछ नहीं है।" -विलियम शेक्सपीयर
“Nothing is so common as the desire to be remarkable.” ― William Shakespeare

राष्ट्र भाषा हिंदी पर महापुरुषों के उत्कृष्ट विचार | Great Thoughts By Great People About Hindi


"राष्ट्रभाषा के बिना आजादी बेकार है।" - अवनींद्रकुमार विद्यालंकार।


"हिंदी का काम देश का काम है, समूचे राष्ट्रनिर्माण का प्रश्न है।" - बाबूराम सक्सेना।


"समस्त भारतीय भाषाओं के लिए यदि कोई एक लिपि आवश्यक हो तो वह देवनागरी ही हो सकती है।" 
- (जस्टिस) कृष्णस्वामी अय्यर।

"हिंदी का पौधा दक्षिणवालों ने त्याग से सींचा है।" - शंकरराव कप्पीकेरी।

"अकबर से लेकर औरंगजेब तक मुगलों ने जिस देशभाषा का स्वागत किया वह ब्रजभाषा थी।"
 -रामचंद्र शुक्ल।

"राष्ट्रभाषा हिंदी का किसी क्षेत्रीय भाषा से कोई संघर्ष नहीं है।" - अनंत गोपाल शेवड़े।

"हिंदी ही भारत की राष्ट्रभाषा हो सकती है।" - वी. कृष्णस्वामी अय्यर।

"राष्ट्रीय एकता की कड़ी हिंदी ही जोड़ सकती है।" - बालकृष्ण शर्मा नवीन।

"विदेशी भाषा का किसी स्वतंत्र राष्ट्र के राजकाज और शिक्षा की भाषा होना सांस्कृतिक दासता है।" 
- वाल्टर चेनिंग।

"हिंदी को तुरंत शिक्षा का माध्यम बनाइये।" - बेरिस कल्यएव।

"देश को एक सूत्र में बाँधे रखने के लिए एक भाषा की आवश्यकता है।" - सेठ गोविंददास।

"इस विशाल प्रदेश के हर भाग में शिक्षित-अशिक्षित, नागरिक और ग्रामीण सभी हिंदी को समझते हैं।" 
- राहुल सांकृत्यायन।

"समस्त आर्यावर्त या ठेठ हिंदुस्तान की राष्ट्र तथा शिष्ट भाषा हिंदी या हिंदुस्तानी है।" -सर जार्ज ग्रियर्सन।

"मुस्लिम शासन में हिंदी फारसी के साथ-साथ चलती रही पर कंपनी सरकार ने एक ओर फारसी पर हाथ साफ किया तो दूसरी ओर हिंदी पर।" - चंद्रबली पांडेय।

"भारत की परंपरागत राष्ट्रभाषा हिंदी है।" - नलिनविलोचन शर्मा।

"जब से हमने अपनी भाषा का समादर करना छोड़ा तभी से हमारा अपमान और अवनति होने लगी।" 
- (राजा) राधिकारमण प्रसाद सिंह।

"अपनी सरलता के कारण हिंदी प्रवासी भाइयों की स्वत: राष्ट्रभाषा हो गई।" - भवानीदयाल संन्यासी।

"भारतीय एकता के लक्ष्य का साधन हिंदी भाषा का प्रचार है।" - टी. माधवराव।

"हिंदी हिंद की, हिंदियों की भाषा है।" - र. रा. दिवाकर।

"यह संदेह निर्मूल है कि हिंदीवाले उर्दू का नाश चाहते हैं।" - राजेन्द्र प्रसाद।

"समाज और राष्ट्र की भावनाओं को परिमार्जित करने वाला साहित्य ही सच्चा साहित्य है।" 
- जनार्दनप्रसाद झा द्विज।

"शिक्षा के प्रसार के लिए नागरी लिपि का सर्वत्र प्रचार आवश्यक है।" - शिवप्रसाद सितारेहिंद।

"हमारी हिंदी भाषा का साहित्य किसी भी दूसरी भारतीय भाषा से किसी अंश से कम नहीं है।" 
- (रायबहादुर) रामरणविजय सिंह।

"वही भाषा जीवित और जाग्रत रह सकती है जो जनता का ठीक-ठीक प्रतिनिधित्व कर सके।" 
- पीर मुहम्मद मूनिस।

"भारतेंदु और द्विवेदी ने हिंदी की जड़ पाताल तक पहँुचा दी है; उसे उखाड़ने का जो दुस्साहस करेगा वह निश्चय ही भूकंपध्वस्त होगा।" - शिवपूजन सहाय।

"हिंदी भाषा अपनी अनेक धाराओं के साथ प्रशस्त क्षेत्र में प्रखर गति से प्रकाशित हो रही है।" 
- छविनाथ पांडेय।

"देवनागरी ध्वनिशास्त्र की दृष्टि से अत्यंत वैज्ञानिक लिपि है।" - रविशंकर शुक्ल।

"हमारी नागरी दुनिया की सबसे अधिक वैज्ञानिक लिपि है।" - राहुल सांकृत्यायन।

"नागरी प्रचार देश उन्नति का द्वार है।" - गोपाललाल खत्री।

"उसी दिन मेरा जीवन सफल होगा जिस दिन मैं सारे भारतवासियों के साथ शुद्ध हिंदी में वार्तालाप करूँगा।"
 - शारदाचरण मित्र।

"हिंदी के ऊपर आघात पहुँचाना हमारे प्राणधर्म पर आघात पहुँचाना है।" - जगन्नाथप्रसाद मिश्र।

"हिंदी जाननेवाला व्यक्ति देश के किसी कोने में जाकर अपना काम चला लेता है।" - देवव्रत शास्त्री।

"हिंदी और नागरी का प्रचार तथा विकास कोई भी रोक नहीं सकता।" - गोविन्दवल्लभ पंत।

"संस्कृत मां, हिंदी गृहिणी और अंग्रेजी नौकरानी है।" - डॉ. फादर कामिल बुल्के।

"भाषा विचार की पोशाक है।" - डॉ. जानसन।

"रामचरित मानस हिंदी साहित्य का कोहनूर है।" - यशोदानंदन अखौरी।

"साहित्य के हर पथ पर हमारा कारवाँ तेजी से बढ़ता जा रहा है।" - रामवृक्ष बेनीपुरी।

"कवि संमेलन हिंदी प्रचार के बहुत उपयोगी साधन हैं।" - श्रीनारायण चतुर्वेदी।

"हिंदी चिरकाल से ऐसी भाषा रही है जिसने मात्र विदेशी होने के कारण किसी शब्द का बहिष्कार नहीं किया।" - राजेंद्रप्रसाद।

"जिस देश को अपनी भाषा और अपने साहित्य के गौरव का अनुभव नहीं है, वह उन्नत नहीं हो सकता।" 
- देशरत्न डॉ. राजेन्द्रप्रसाद।

"हिंदी समस्त आर्यावर्त की भाषा है।" - शारदाचरण मित्र।

"हिंदी भारतीय संस्कृति की आत्मा है।" - कमलापति त्रिपाठी।

"हिंदी भाषा को भारतीय जनता तथा संपूर्ण मानवता के लिये बहुत बड़ा उत्तरदायित्व सँभालना है।"
 - सुनीतिकुमार चाटुर्ज्या।

"राष्ट्रभाषा हिंदी हो जाने पर भी हमारे व्यक्तिगत और सार्वजनिक जीवन पर विदेशी भाषा का प्रभुत्व अत्यंत गर्हित बात है।" - कमलापति त्रिपाठी।

"सभ्य संसार के सारे विषय हमारे साहित्य में आ जाने की ओर हमारी सतत् चेष्टा रहनी चाहिए।" 
- श्रीधर पाठक।

"भारतवर्ष के लिए हिंदी भाषा ही सर्वसाधरण की भाषा होने के उपयुक्त है।" - शारदाचरण मित्र।

"हिंदी भाषा और साहित्य ने तो जन्म से ही अपने पैरों पर खड़ा होना सीखा है।" - धीरेन्द्र वर्मा।

"जब हम अपना जीवन, जननी हिंदी, मातृभाषा हिंदी के लिये समर्पण कर दे तब हम किसी के प्रेमी कहे जा सकते हैं।"- सेठ गोविंददास।

"भाषा की समस्या का समाधान सांप्रदायिक दृष्टि से करना गलत है।" - लक्ष्मीनारायण सुधांशु।

"भारतीय साहित्य और संस्कृति को हिंदी की देन बड़ी महत्त्वपूर्ण है।" - सम्पूर्णानन्द।

"हिंदी के पुराने साहित्य का पुनरुद्धार प्रत्येक साहित्यिक का पुनीत कर्तव्य है।" - पीताम्बरदत्त बड़थ्वाल।

"परमात्मा से प्रार्थना है कि हिंदी का मार्ग निष्कंटक करें।" - हरगोविंद सिंह।

"अहिंदी भाषा-भाषी प्रांतों के लोग भी सरलता से टूटी-फूटी हिंदी बोलकर अपना काम चला लेते हैं।"
 - अनंतशयनम् आयंगार।

"दाहिनी हो पूर्ण करती है अभिलाषा पूज्य हिंदी भाषा हंसवाहिनी का अवतार है।" - अज्ञात।

"हिंदुस्तान की भाषा हिंदी है और उसका दृश्यरूप या उसकी लिपि सर्वगुणकारी नागरी ही है।"
 - गोपाललाल खत्री।

"हिंदी ही के द्वारा अखिल भारत का राष्ट्रनैतिक ऐक्य सुदृढ़ हो सकता है।" - भूदेव मुखर्जी।

"हिंदी का शिक्षण भारत में अनिवार्य ही होगा।" - सुनीतिकुमार चाटुर्ज्या।

"हिंदी, नागरी और राष्ट्रीयता अन्योन्याश्रित है।" - नन्ददुलारे वाजपेयी।

"हिंदी साहित्य धर्म-अर्थ-काम-मोक्ष इस चतु:पुरुषार्थ का साधक अतएव जनोपयोगी।" - (डॉ.) भगवानदास।

"हिंदी उन सभी गुणों से अलंकृत है जिनके बल पर वह विश्व की साहित्यिक भाषाओं की अगली श्रेणी में सभासीन हो सकती है।" - मैथिलीशरण गुप्त।

"अब हिंदी ही माँ भारती हो गई है- वह सबकी आराध्य है, सबकी संपत्ति है।" - रविशंकर शुक्ल।

"बच्चों को विदेशी लिपि की शिक्षा देना उनको राष्ट्र के सच्चे प्रेम से वंचित करना है।"
 - भवानीदयाल संन्यासी।

"भाषा और राष्ट्र में बड़ा घनिष्ट संबंध है।" - (राजा) राधिकारमण प्रसाद सिंह।

"हिंदी भाषा की उन्नति का अर्थ है राष्ट्र और जाति की उन्नति।" - रामवृक्ष बेनीपुरी।

"भारतेंदु का साहित्य मातृमंदिर की अर्चना का साहित्य है।" - बदरीनाथ शर्मा।

"तलवार के बल से न कोई भाषा चलाई जा सकती है न मिटाई।" - शिवपूजन सहाय।

"अखिल भारत के परस्पर व्यवहार के लिये ऐसी भाषा की आवश्यकता है जिसे जनता का अधिकतम भाग पहले से ही जानता समझता है।" - महात्मा गाँधी।

"हिंदी को राजभाषा करने के बाद पूरे पंद्रह वर्ष तक अंग्रेजी का प्रयोग करना पीछे कदम हटाना है।"
- राजर्षि पुरुषोत्तमदास टंडन।

"भाषा राष्ट्रीय शरीर की आत्मा है।" - स्वामी भवानीदयाल संन्यासी।

"हिंदी के राष्ट्रभाषा होने से जहाँ हमें हर्षोल्लास है, वहीं हमारा उत्तरदायित्व भी बहुत बढ़ गया है।"
- मथुरा प्रसाद दीक्षित।

"भारतवर्ष में सभी विद्याएँ सम्मिलित परिवार के समान पारस्परिक सद्भाव लेकर रहती आई हैं।"
- रवींद्रनाथ ठाकुर।

"इतिहास को देखते हुए किसी को यह कहने का अधिकारी नहीं कि हिंदी का साहित्य जायसी के पहले का नहीं मिलता।" - (डॉ.) काशीप्रसाद जायसवाल।

"संप्रति जितनी भाषाएं भारत में प्रचलित हैं उनमें से हिंदी भाषा प्राय: सर्वत्र व्यवहृत होती है।" 
- केशवचंद्र सेन।

"हिंदी ने राष्ट्रभाषा के पद पर सिंहानसारूढ़ होने पर अपने ऊपर एक गौरवमय एवं गुरुतर उत्तरदायित्व लिया है।" - गोविंदबल्लभ पंत।

"हिंदी जिस दिन राजभाषा स्वीकृत की गई उसी दिन से सारा राजकाज हिंदी में चल सकता था।" 
- सेठ गोविंददास।

"हिंदी भाषी प्रदेश की जनता से वोट लेना और उनकी भाषा तथा साहित्य को गालियाँ देना कुछ नेताओं का दैनिक व्यवसाय है।" - (डॉ.) रामविलास शर्मा।

"जब एक बार यह निश्चय कर लिया गया कि सन् १९६५ से सब काम हिंदी में होगा, तब उसे अवश्य कार्यान्वित करना चाहिए।" - सेठ गोविंददास।

"जिसका मन चाहे वह हिंदी भाषा से हमारा दूर का संबंध बताये, मगर हम बिहारी तो हिंदी को ही अपनी भाषा, मातृभाषा मानते आए हैं।" - शिवनंदन सहाय।

"मानस भवन में आर्यजन जिसकी उतारें आरती। भगवान भारतवर्ष में गूँजे हमारी भारती।
 - मैथिलीशरण गुप्त।

"लाखों की संख्या में छात्रों की उस पलटन से क्या लाभ जिनमें अंग्रेजी में एक प्रार्थनापत्र लिखने की भी क्षमता नहीं है।"- कंक।

"मैं राष्ट्र का प्रेम, राष्ट्र के भिन्न-भिन्न लोगों का प्रेम और राष्ट्रभाषा का प्रेम, इसमें कुछ भी फर्क नहीं देखता।" - र. रा. दिवाकर।

"देवनागरी लिपि की वैज्ञानिकता स्वयं सिद्ध है।" - महावीर प्रसाद द्विवेदी।

"हिमालय से सतपुड़ा और अंबाला से पूर्णिया तक फैला हुआ प्रदेश हिंदी का प्रकृत प्रांत है।" 
- राहुल सांकृत्यायन।

"किसी राष्ट्र की राजभाषा वही भाषा हो सकती है जिसे उसके अधिकाधिक निवासी समझ सके।" 
- (आचार्य) चतुरसेन शास्त्री।

"साहित्य के इतिहास में काल विभाजन के लिए तत्कालीन प्रवृत्तियों को ही मानना न्यायसंगत है।"
 - अंबाप्रसाद सुमन।

"हिंदी भाषा हमारे लिये किसने बनाया? प्रकृति ने। हमारे लिये हिंदी प्रकृतिसिद्ध है।" - पं. गिरिधर शर्मा।

"हिंदी भाषा उस समुद्र जलराशि की तरह है जिसमें अनेक नदियाँ मिली हों।" - वासुदेवशरण अग्रवाल।

"भाषा देश की एकता का प्रधान साधन है।" - (आचार्य) चतुरसेन शास्त्री।

"क्रांतदर्शी होने के कारण ऋषि दयानंद ने देशोन्नति के लिये हिंदी भाषा को अपनाया था।" - विष्णुदेव पौद्दार।

"सच्चा राष्ट्रीय साहित्य राष्ट्रभाषा से उत्पन्न होता है।" - वाल्टर चेनिंग।

"हिंदी के पौधे को हिंदू मुसलमान दोनों ने सींचकर बड़ा किया है।" - जहूरबख्श।

"हिंदी राष्ट्रभाषा है, इसलिये प्रत्येक व्यक्ति को, प्रत्येक भारतवासी को इसे सीखना चाहिए।"
 - रविशंकर शुक्ल।

"हिंदी प्रांतीय भाषा नहीं बल्कि वह अंत:प्रांतीय राष्ट्रीय भाषा है। - छविनाथ पांडेय।

"साहित्य को उच्च अवस्था पर ले जाना ही हमारा परम कर्तव्य है।" - पार्वती देवी।

"विश्व की कोई भी लिपि अपने वर्तमान रूप में नागरी लिपि के समान नहीं।" - चंद्रबली पांडेय।

"भाषा की एकता जाति की एकता को कायम रखती है।" - राहुल सांकृत्यायन।

"जिस राष्ट्र की जो भाषा है उसे हटाकर दूसरे देश की भाषा को सारी जनता पर नहीं थोपा जा सकता 
- वासुदेवशरण अग्रवाल।"

"पराधीनता की विजय से स्वाधीनता की पराजय सहस्रगुना अच्छी है।" - अज्ञात।


"समाज के अभाव में आदमी की आदमियत की कल्पना नहीं की जा सकती।"- पं. सुधाकर पांडेय।

"तुलसी, कबीर, नानक ने जो लिखा है, उसे मैं पढ़ता हूँ तो कोई मुश्किल नहीं आती।"
 - मौलाना मुहम्मद अली।

"भाषा का निर्माण सेक्रेटरियट में नहीं होता, भाषा गढ़ी जाती है जनता की जिह्वा पर।" - रामवृक्ष बेनीपुरी।

"हिंदी भाषी ही एक ऐसी भाषा है जो सभी प्रांतों की भाषा हो सकती है।" - पं. कृ. रंगनाथ पिल्लयार।

"जब हम हिंदी की चर्चा करते हैं तो वह हिंदी संस्कृति का एक प्रतीक होती है।" - शांतानंद नाथ।

"भारतीय धर्म की है घोषणा घमंड भरी, हिंदी नहीं जाने उसे हिंदू नहीं जानिए।" - नाथूराम शंकर शर्मा।

"राजनीति के चिंतापूर्ण आवेग में साहित्य की प्रेरणा शिथिल नहीं होनी चाहिए।" - राजकुमार वर्मा।

"हिंदी में जो गुण है उनमें से एक यह है कि हिंदी मर्दानी जबान है।" - सुनीति कुमार चाटुर्ज्या।

"बिना मातृभाषा की उन्नति के देश का गौरव कदापि वृद्धि को प्राप्त नहीं हो सकता।" - गोविंद शास्त्री दुगवेकर।

"राष्ट्रभाषा राष्ट्रीयता का मुख्य अंश है।" - श्रीमती सौ. चि. रमणम्मा देव।

"बानी हिंदी भाषन की महरानी, चंद्र, सूर, तुलसी से जामें भए सुकवि लासानी।" - पं. जगन्नाथ चतुर्वेदी।

"जय जय राष्ट्रभाषा जननि। जयति जय जय गुण उजागर राष्ट्रमंगलकरनि।" - देवी प्रसाद गुप्त।

"हिंदी हमारी हिंदू संस्कृति की वाणी ही तो है।" - शांतानंद नाथ।

"आज का लेखक विचारों और भावों के इतिहास की वह कड़ी है जिसके पीछे शताब्दियों की कड़ियाँ जुड़ी है।" 
- माखनलाल चतुर्वेदी।

"विज्ञान के बहुत से अंगों का मूल हमारे पुरातन साहित्य में निहित है।" - सूर्यनारायण व्यास।

"हमारी राष्ट्रभाषा का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीयता का दृढ़ निर्माण है।" - चंद्रबली पांडेय।

"मैं दुनिया की सब भाषाओं की इज्जत करता हूँ, परन्तु मेरे देश में हिंदी की इज्जत न हो, यह मैं नहीं सह सकता।" - विनोबा भावे।

"हिंदी विश्व की महान भाषा है।" - राहुल सांकृत्यायन।

"राष्ट्रीय एकता के लिये एक भाषा से कहीं बढ़कर आवश्यक एक लिपि का प्रचार होना है।" - ब्रजनंदन सहाय।

"मैं मानती हूँ कि हिंदी प्रचार से राष्ट्र का ऐक्य जितना बढ़ सकता है वैसा बहुत कम चीजों से बढ़ सकेगा।" 
- लीलावती मुंशी।

"हिंदी उर्दू के नाम को दूर कीजिए एक भाषा बनाइए। सबको इसके लिए तैयार कीजिए।" - देवी प्रसाद गुप्त।

"साहित्यकार विश्वकर्मा की अपेक्षा कहीं अधिक सामर्थ्यशाली है।" - पं. वागीश्वर जी।

"हिंदी भाषा और हिंदी साहित्य को सर्वांगसुंदर बनाना हमारा कर्त्तव्य है।" - डॉ. राजेंद्रप्रसाद।

"हिंदी साहित्य की नकल पर कोई साहित्य तैयार नहीं होता।" - सूर्य कांत त्रिपाठी निराला।

"भाषा के उत्थान में एक भाषा का होना आवश्यक है। इसलिये हिंदी सबकी साझा भाषा है।" 
- पं. कृ. रंगनाथ पिल्लयार।

"यदि स्वदेशाभिमान सीखना है तो मछली से जो स्वदेश (पानी) के लिये तड़प तड़प कर जान दे देती है।" 
- सुभाषचंद्र बसु।

"पिछली शताब्दियों में संसार में जो राजनीतिक क्रांतियाँ हुई, प्राय: उनका सूत्रसंचालन उस देश के साहित्यकारों ने किया है।" - पं. वागीश्वर जी।

"हिंदी हमारे देश और भाषा की प्रभावशाली विरासत है।" - माखनलाल चतुर्वेदी।

"भारत सरस्वती का मुख संस्कृत है।" - म. म. रामावतार शर्मा।

"यदि आप मुझे कुछ देना चाहती हों तो इस पाठशाला की शिक्षा का माध्यम हमारी मातृभाषा कर दें।" 
- एक फ्रांसीसी बालिका।

"हिंदुस्तान को छोड़कर दूसरे मध्य देशों में ऐसा कोई अन्य देश नहीं है, जहाँ कोई राष्ट्रभाषा नहीं हो।"
- सैयद अमीर अली मीर।

"सरलता, बोधगम्यता और शैली की दृष्टि से विश्व की भाषाओं में हिंदी महानतम स्थान रखती है।" 
- अमरनाथ झा।

"हिंदी सरल भाषा है। इसे अनायास सीखकर लोग अपना काम निकाल लेते हैं।" - जगन्नाथ प्रसाद चतुर्वेदी।

"किसी भाषा की उन्नति का पता उसमें प्रकाशित हुई पुस्तकों की संख्या तथा उनके विषय के महत्व से जाना जा सकता है।" - गंगाप्रसाद अग्निहोत्री।

"जीवन के छोटे से छोटे क्षेत्र में हिंदी अपना दायित्व निभाने में समर्थ है।" - पुरुषोत्तमदास टंडन।

"बिहार में ऐसा एक भी गाँव नहीं है जहाँ केवल रामायण पढ़ने के लिये दस-बीस मनुष्यों ने हिंदी न सीखी हो।" - सकलनारायण पांडेय।

"संस्कृत की इशाअत (प्रचार) का एक बड़ा फायदा यह होगा कि हमारी मुल्की जबान (देशभाषा) वसीअ (व्यापक) हो जायगी।" - मौलवी महमूद अली।

"संसार में देश के नाम से भाषा को नाम दिया जाता है और वही भाषा वहाँ की राष्ट्रभाषा कहलाती है।" 
- ताराचंद्र दूबे।

"जो गुण साहित्य की जीवनी शक्ति के प्रधान सहायक होते हैं उनमें लेखकों की विचारशीलता प्रधान है।"
 - नरोत्तम व्यास।

"साहित्य पढ़ने से मुख्य दो बातें तो अवश्य प्राप्त होती हैं, अर्थात् मन की शक्तियों को विकास और ज्ञान पाने की लालसा।" - बिहारीलाल चौबे।

"है भव्य भारत ही हमारी मातृभूमि हरी भरी। हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा और लिपि है नागरी।" - मैथिलीशरण गुप्त।

"संस्कृत की विरासत हिंदी को तो जन्म से ही मिली है।" - राहुल सांकृत्यायन।

"कैसे निज सोये भाग को कोई सकता है जगा, जो निज भाषा-अनुराग का अंकुर नहिं उर में उगा।" - हरिऔध।

"हिंदी में हम लिखें पढ़ें, हिंदी ही बोलें।" - पं. जगन्नाथप्रसाद चतुर्वेदी।

"यह जो है कुरबान खुदा का, हिंदी करे बयान सदा का।" - अज्ञात।

"क्या संसार में कहीं का भी आप एक दृष्टांत उद्धृत कर सकते हैं जहाँ बालकों की शिक्षा विदेशी भाषाओं द्वारा होती हो।" - डॉ. श्यामसुंदर दास।

"वास्तव में वेश, भाषा आदि के बदलने का परिणाम यह होता है कि आत्मगौरव नष्ट हो जाता है, जिससे देश का जातित्व गुण मिट जाता है।" - सैयद अमीर अली मीर।

"समालोचना ही साहित्य मार्ग की सुंदर सड़क है।" - म. म. गिरधर शर्मा चतुर्वेदी।

"नागरी वर्णमाला के समान सर्वांगपूर्ण और वैज्ञानिक कोई दूसरी वर्णमाला नहीं है।"
 - बाबू राव विष्णु पराड़कर।

"व्याकरण चाहे जितना विशाल बने परंतु भाषा का पूरा-पूरा समाधान उसमें नहीं हो सकता।" 
- अनंतराम त्रिपाठी।

"स्वदेशप्रेम, स्वधर्मभक्ति और स्वावलंबन आदि ऐसे गुण हैं जो प्रत्येक मनुष्य में होने चाहिए।" 
- रामजी लाल शर्मा।

"गुणवान खानखाना सदृश प्रेमी हो गए रसखान और रसलीन से हिंदी प्रेमी हो गए।" - राय देवीप्रसाद।

"वैज्ञानिक विचारों के पारिभाषिक शब्दों के लिये, किसी विषय के उच्च भावों के लिये, संस्कृत साहित्य की सहायता लेना कोई शर्म की बात नहीं है।" - गणपति जानकीराम दूबे।

"हिंदुस्तान के लिये देवनागरी लिपि का ही व्यवहार होना चाहिए, रोमन लिपि का व्यवहार यहाँ हो ही नहीं सकता।" - महात्मा गाँधी।

"हिंदी किसी के मिटाने से मिट नहीं सकती।" - चंद्रबली पाण्डेय।

"भाषा की उन्नति का पता मुद्रणालयों से भी लग सकता है।" - गंगाप्रसाद अग्निहोत्री।

"आर्यों की सबसे प्राचीन भाषा हिंदी ही है और इसमें तद्भव शब्द सभी भाषाओं से अधिक है।" - वीम्स साहब।

"क्यों न वह फिर रास्ते पर ठीक चलने से डिगे , हैं बहुत से रोग जिसके एक ही दिल में लगे।" - हरिऔध।

"जब तक साहित्य की उन्नति न होगी, तब तक संगीत की उन्नति नहीं हो सकती।" - विष्णु दिगंबर।

"राष्ट्रभाषा के बिना राष्ट्र गूँगा है।" - महात्मा गाँधी।

"जिस प्रकार बंगाल भाषा के द्वारा बंगाल में एकता का पौधा प्रफुल्लित हुआ है उसी प्रकार हिंदी भाषा के साधारण भाषा होने से समस्त भारतवासियों में एकता तरु की कलियाँ अवश्य ही खिलेंगी।" 
- शारदाचरण मित्र।

"विदेशी लोगों का अनुकरण न किया जाय।" - भीमसेन शर्मा।

"भारतवर्ष के लिये देवनागरी साधारण लिपि हो सकती है और हिंदी भाषा ही सर्वसाधारण की भाषा होने के उपयुक्त है।" - शारदाचरण मित्र।

"अकबर का शांत राज्य हमारी भाषा का मानो स्वर्णमय युग था।" - छोटूलाल मिश्र।

"किसी भी बृहत् कोश में साहित्य की सब शाखाओं के शब्द होने चाहिए।" - महावीर प्रसाद द्विवेदी।

"भारत के एक सिरे से दूसरे सिरे तक हिंदी भाषा कुछ न कुछ सर्वत्र समझी जाती है।" 
- पं. कृ. रंगनाथ पिल्लयार।

"जापानियों ने जिस ढंग से विदेशी भाषाएँ सीखकर अपनी मातृभाषा को उन्नति के शिखर पर पहुँचाया है उसी प्रकार हमें भी मातृभाषा का भक्त होना चाहिए।" - श्यामसुंदर दास।

"विचारों का परिपक्व होना भी उसी समय संभव होता है, जब शिक्षा का माध्यम प्रकृतिसिद्ध मातृभाषा हो।"
 - पं. गिरधर शर्मा।

"यह महात्मा गाँधी का प्रताप है, जिनकी मातृभाषा गुजराती है पर हिंदी को राष्ट्रभाषा जानकर जो उसे अपने प्रेम से सींच रहे हैं।" - लक्ष्मण नारायण गर्दे।

"हिंदी भाषा के लिये मेरा प्रेम सब हिंदी प्रेमी जानते हैं।" - महात्मा गांधी।

"किसी देश में ग्रंथ बनने तक वैदेशिक भाषा में शिक्षा नहीं होती थी। देश भाषाओं में शिक्षा होने के कारण स्वयं ग्रंथ बनते गए हैं। - साहित्याचार्य रामावतार शर्मा।

"जो भाषा सामयिक दूसरी भाषाओं से सहायता नहीं लेती वह बहुत काल तक जीवित नहीं रह सकती।" 
- पांडेय रामवतार शर्मा।

"जितना और जैसा ज्ञान विद्यार्थियों को उनकी जन्मभाषा में शिक्षा देने से अल्पकाल में हो सकता है; उतना और वैसा पराई भाषा में सुदीर्घ काल में भी होना संभव नहीं है।" - घनश्याम सिंह।

"मैं महाराष्ट्री हूँ, परंतु हिंदी के विषय में मुझे उतना ही अभिमान है जितना किसी हिंदी भाषी को हो सकता है।" - माधवराव सप्रे।

"मनुष्य सदा अपनी मातृभाषा में ही विचार करता है। इसलिये अपनी भाषा सीखने में जो सुगमता होती है दूसरी भाषा में हमको वह सुगमता नहीं हो सकती।" - डॉ. मुकुन्दस्वरूप वर्मा।

"हिंदी भाषा का प्रश्न स्वराज्य का प्रश्न है।" - महात्मा गांधी।

"राष्ट्रीयता का भाषा और साहित्य के साथ बहुत ही घनिष्ट और गहरा संबंध है।" - डॉ. राजेन्द्र प्रसाद।

"यदि हम अंग्रेजी दूसरी भाषा के समान पढ़ें तो हमारे ज्ञान की अधिक वृद्धि हो सकती है।"
 - जगन्नाथप्रसाद चतुर्वेदी।

"हिंदी पर ना मारो ताना, सभा बतावे हिंदी माना।" - नूर मुहम्मद।

"आप जिस तरह बोलते हैं, बातचीत करते हैं, उसी तरह लिखा भी कीजिए। भाषा बनावटी न होनी चाहिए।" 
- महावीर प्रसाद द्विवेदी।

"हिंदी भाषा की उन्नति के बिना हमारी उन्नति असम्भव है।" - गिरधर शर्मा।

"भाषा ही राष्ट्र का जीवन है।" - पुरुषोत्तमदास टंडन।

"जब हम अपना जीवन जननी हिंदी, मातृभाषा हिंदी के लिये समर्पण कर दें तब हम हिंदी के प्रेमी कहे जा सकते हैं।" - गोविन्ददास।

"देश तथा जाति का उपकार उसके बालक तभी कर सकते हैं, जब उन्हें उनकी भाषा द्वारा शिक्षा मिली हो।"
 - पं. गिरधर शर्मा।

"राष्ट्रभाषा की साधना कोरी भावुकता नहीं है।" - जगन्नाथप्रसाद मिश्र।

"साहित्य को स्वैर संचा करने की इजाजत न किसी युग में रही होगी न वर्तमान युग में मिल सकती है।" 
- माखनलाल चतुर्वेदी।

"अंग्रेजी सीखकर जिन्होंने विशिष्टता प्राप्त की है, सर्वसाधारण के साथ उनके मत का मेल नहीं होता। हमारे देश में सबसे बढ़कर जातिभेद वही है, श्रेणियों में परस्पर अस्पृश्यता इसी का नाम है।" - रवीन्द्रनाथ ठाकुर।

"साहित्य की सेवा भगवान का कार्य है, आप काम में लग जाइए आपको भगवान की सहायता प्राप्त होगी और आपके मनोरथ परिपूर्ण होंगे।" - चंद्रशेखर मिश्र।

"सब से जीवित रचना वह है जिसे पढ़ने से प्रतीत हो कि लेखक ने अंतर से सब कुछ फूल सा प्रस्फुटित किया है।" - शरच्चंद।

"सिक्ख गुरुओं ने आपातकाल में हिंदी की रक्षा के लिये ही गुरुमुखी रची थी।" - संतराम शर्मा।

"हिंदी जैसी सरल भाषा दूसरी नहीं है।" - मौलाना हसरत मोहानी।

"भारत के विभिन्न प्रदेशों के बीच हिंदी प्रचार द्वारा एकता स्थापित करने वाले सच्चे भारत बंधु हैं।" 
- अरविंद।

"मेरा आग्रहपूर्वक कथन है कि अपनी सारी मानसिक शक्ति हिन्दी के अध्ययन में लगावें।" - विनोबा भावे।

"हिंदी द्वारा सारे भारत को एक सूत्र में पिरोया जा सकता है।" - स्वामी दयानंद।

"अधिक अनुभव, अधिक विपत्ति सहना, और अधिक अध्ययन, ये ही विद्वता के तीन स्तंभ हैं।"
 - डिजरायली।

"जैसे-जैसे हमारे देश में राष्ट्रीयता का भाव बढ़ता जायेगा वैसे ही वैसे हिंदी की राष्ट्रीय सत्ता भी बढ़ेगी।"
 - श्रीमती लोकसुन्दरी रामन् ।

"राष्ट्रीय व्यवहार में हिंदी को काम में लाना देश की शीघ्र उन्नति के लिये आवश्यक है।" - महात्मा गांधी।

"जीवित भाषा बहती नदी है जिसकी धारा नित्य एक ही मार्ग से प्रवाहित नहीं होती।" 
- बाबूराव विष्णु पराड़कर।

"हिन्दी उन सभी गुणों से अलंकृत है जिनके बल पर वह विश्व की साहित्यिक भाषाओं की अगली श्रेणी में सभासीन हो सकती है।" - मैथिलीशरण गुप्त।

"हिन्दी भाषा और साहित्य ने तो जन्म से ही अपने पैरों पर खड़ा होना सीखा है।" - धीरेन्द्र वर्मा।

"बिना मातृभाषा की उन्नति के देश का गौरव कदापि वृद्धि को प्राप्त नहीं हो सकता।"
 - गोविन्द शास्त्री दुगवेकर।

"प्रत्येक देश का साहित्य वहाँ की जनता की चित्तवृत्ति का संचित प्रतिबिंब होता है।" - रामचंद्र शुक्ल।

"अंग्रेजी को भारतीय भाषा बनाने का यह अभिप्राय है कि हम अपने भारतीय अस्तित्व को बिल्कुल मिटा दें।" - पं. कृ. रंगनाथ पिल्लयार।

"भाषा ही राष्ट्र का जीवन है। - पुरुषोत्तमदास टंडन।

"हिंदी स्वयं अपनी ताकत से बढ़ेगी।" - पं. नेहरू।

"हमारी देवनागरी इस देश की ही नहीं समस्त संसार की लिपियों में सबसे अधिक वैज्ञानिक है।"
 - सेठ गोविन्ददास।

"आइए हम आप एकमत हो कोई ऐसा उपाय करें जिससे राष्ट्रभाषा का प्रचार घर-घर हो जाये और राष्ट्र का कोई भी कोना अछूता न रहे।" - चन्द्रबली पांडेय।

"हिंदी और उर्दू की जड़ एक है, रूपरेखा एक है और दोनों को अगर हम चाहें तो एक बना सकते हैं।" 
- डॉ. राजेन्द्र प्रसाद।

"हिंदी आज साहित्य के विचार से रूढ़ियों से बहुत आगे है। विश्वसाहित्य में ही जानेवाली रचनाएँ उसमें हैं।" 
- सूर्यकांत त्रिपाठी निराला।

"भारत की रक्षा तभी हो सकती है जब इसके साहित्य, इसकी सभ्यता तथा इसके आदर्शों की रक्षा हो।" 
- पं. कृ. रंगनाथ पिल्लयार।

"हिंदी संस्कृत की बेटियों में सबसे अच्छी और शिरोमणि है।" - ग्रियर्सन।

"मैं नहीं समझता, सात समुन्दर पार की अंग्रेजी का इतना अधिकार यहाँ कैसे हो गया।" - महात्मा गांधी।

"मेरे लिये हिन्दी का प्रश्न स्वराज्य का प्रश्न है।" - राजर्षि पुरुषोत्तमदास टण्डन।

"संस्कृत को छोड़कर आज भी किसी भी भारतीय भाषा का वाङ्मय विस्तार या मौलिकता में हिन्दी के आगे नहीं जाता।" - डॉ. सम्पूर्णानन्द।

"राष्ट्रभाषा के विषय में यह बात ध्यान में रखनी होगी कि यह राष्ट्र के सब प्रान्तों की समान और स्वाभाविक राष्ट्रभाषा है।" - लक्ष्मण नारायण गर्दे।

"विदेशी भाषा के शब्द, उसके भाव तथा दृष्टांत हमारे हृदय पर वह प्रभाव नहीं डाल सकते जो मातृभाषा के चिरपरिचित तथा हृदयग्राही वाक्य।" - मन्नन द्विवेदी।

"हिंदी अपनी भूमि की अधिष्ठात्री है।" - राहुल सांकृत्यायन।

"हिन्दी व्यापकता में अद्वितीय है।"- अम्बिका प्रसाद वाजपेयी।

"हमारी राष्ट्रभाषा की पावन गंगा में देशी और विदेशी सभी प्रकार के शब्द मिलजुलकर एक हो जायेंगे।"
 - डॉ. राजेन्द्र प्रसाद।

"नागरी की वर्णमाला है विशुद्ध महान, सरल सुन्दर सीखने में सुगम अति सुखदान।" - मिश्रबंधु।

"मनुष्य सदा अपनी भातृभाषा में ही विचार करता है।" - मुकुन्दस्वरूप वर्मा।

"हिंदी और उर्दू एक ही भाषा के दो रूप हैं और दोनों रूपों में बहुत साहित्य है।" - अंबिका प्रसाद वाजपेयी।

"हम हिन्दी वालों के हृदय में किसी सम्प्रदाय या किसी भाषा से रंचमात्र भी ईर्ष्या, द्वेष या घृणा नहीं है।" 
- शिवपूजन सहाय।

"भारत के विभिन्न प्रदेशों के बीच हिन्दी प्रचार द्वारा एकता स्थापित करने वाले सच्चे भारत बंधु हैं।" 
- अरविंद।

"राष्ट्रीय एकता के लिये हमें प्रांतीयता की भावना त्यागकर सभी प्रांतीय भाषाओं के लिए एक लिपि देवनागरी अपना लेनी चाहिये।" - शारदाचरण मित्र (जस्टिस)।

"समूचे राष्ट्र को एकताबद्ध और दृढ़ करने के लिए हिन्द भाषी जाति की एकता आवश्यक है।" 
- रामविलास शर्मा।

"हिन्दी का भविष्य उज्ज्वल है, इसमें कोई संदेह नहीं।" - अनंत गोपाल शेवड़े।

"हिन्दी को ही राजभाषा का आसन देना चाहिए।" - शचींद्रनाथ बख्शी।

"अंतरप्रांतीय व्यवहार में हमें हिन्दी का प्रयोग तुरंत शुरू कर देना चाहिए।" - र. रा. दिवाकर।

"हिन्दी का शासकीय प्रशासकीय क्षेत्रों से प्रचार न किया गया तो भविष्य अंधकारमय हो सकता है।"
 - विनयमोहन शर्मा।

"हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने में प्रांतीय भाषाओं को हानि नहीं वरन् लाभ होगा।" - अनंतशयनम् आयंगार।

"संस्कृत के अपरिमित कोश से हिन्दी शब्दों की सब कठिनाइयाँ सरलता से हल कर लेगी।" 
- राजर्षि पुरुषोत्तम दास टंडन।

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